‘Guntur Karam’ movie review: महेश बाबू ने पुराने स्वाद को दिया नया आकर्षण, अधिक मिर्च के साथ पेश किया

गुंटूर करम: महेश बाबू ने पुराने स्वाद को दिया नया आकर्षण, अधिक मिर्च के साथ पेश किया। इस नई सिनेमाग्राही ने इस महेश बाबू की चर्चा की जाने वाली फिल्म का समीक्षात्मक लिखा है, जो पुरानी कहानी को एक नए दृष्टिकोण से पेश करती है। इस फिल्म को लेकर सिनेमाघरों में चर्चा में है
इस फिल्म ने रिलीज़ होते ही गदर 2 का रिकार्ड तोड दिया है 
'गुंटूर कारम' मूवी रिव्यू: महेश बाबू ने पुराने स्वाद को दिया नया आकर्षण, अधिक मिर्च के साथ पेश किया कहानी का कहना है कि यह एक पुरानी कहानी है, जिसमें महेश बाबू ने अपने क्षमताओं को दिखाने का काम किया है। लेकिन इस बार, फिल्मकारों ने इसे और भी तेज़ मिर्च के साथ पेश किया है, जिससे यह कहानी नई जीवन मिलती है। 
        कहानी  में किरदार विकास की बात करें, तो महेश बाबू ने फिर से अपनी क्षमताओं को दिखाया है। उनका किरदार इस फिल्म में भी उत्कृष्ट है, लेकिन उन्होंने इसे और बेहतर बनाने के लिए एक नए तरीके से काम किया है। इसमें उनके किरदार की विशेषता है जो दर्शकों को अपनी ओर खींचती है।
        'गुंटूर कारम' फिल्म की सिनेमैटोग्राफी और निर्देशन को भी बड़ी तारीफ मिलनी चाहिए। फिल्मकारों ने दृश्यों को खूबसूरती से पेश किया है और कहानी को और भी रोचक बनाया है। निर्देशक ने महेश बाबू की क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए फिल्म को एक नई ऊँचाई दी है। 
         महेश बाबू के  इस फिल्म के साउंडट्रैक और संगीत को भी सराहना मिलती है। म्यूजिक ने फिल्म के मौद्रिक तत्वों को बढ़ावा दिया है और दर्शकों को एक रोमांटिक और आत्मरहित अनुभव प्रदान किया है।
          फिल्म एक अच्छी देखने वाली फिल्म है, जिसमें कहानी, किरदार, सिनेमैटोग्राफी, और संगीत एक साथ मिलकर एक नई रूप में दर्शकों को प्रस्तुत होती है। महेश बाबू ने इस फिल्म में एक बार फिर अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन किया है और उनका किरदार दर्शकों को मोहित करने में कामयाब रहा है।
         इस फिल्म का अनुभव करने के लिए आपको एक नई सिनेमाग्राही के रूप में नजर आएगा, जो नयी चुनौतियों का सामना करने को तैयार है।

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